۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/ अगर वह अपने नफ्स पर हराम से आमान रखता हो और हिजाब के विशेषाधिकारों का पालन हो और कोई दूसरी बुराई ना हो तो जायज़ हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल: क्या दूल्हे के लिए औरतों की महफिल में दाखिल होना जायज़ हैं?

उत्तर :अगर वह अपने नफ्स पर हराम से आमान रखता हो और हिजाब के विशेषाधिकारों का पालन हो और कोई दूसरी बुराई ना हो तो जायज़ हैं।

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